बोरवेल क्या है! क्यों यह बच्चों के लिए खतरनाक है? । what is borewell accidents
दोस्तों कई बार आप खबर सुनते होंगे कि, एक जगह बोरवेल में कोई बच्चा गिर गया और उसको निकालने की। जी तोड़ मेहनत की जा रही है, अगर आप गांव में रहते हैं और खेतीबाड़ी करते हैं तो निश्चित तौर पर आपको पता होगा कि बोरवेल क्या है , और कैसे उसमें कोई बच्चा या जानवर गिर जाता है लेकिन,
मैं जब कभी इस प्रकार की कोई दुख दाई खबर किसी न्यूज़ वेबसाइट पर पढ़ता हूं तो अक्सर उस खबर के नीचे लिखे कमेंट में ऐसे प्रश्न काफी देखने को मिलते हैं जिसमें वे लोग जानना चाहते हैं कि आखिर बोरवेल होता क्या है, कैसे खेलते हुए बच्चे बोरवेल में सैकड़ों फीट नीचे गिर जाते हैं और उन्हें फिर सुरक्षित बाहर कैसे लाया जाता है। तो आज के इस आर्टिकल में, मैं आपको इस बोरवेल के बारे में तमाम जानकारी देने की कोशिश करूंगा।
बोरवेल क्या है? -(What is borewell?)
एक समय था जब हम सिंचाई के लिए सिर्फ बारिश पर ही निर्भर होते थे लेकिन विज्ञान ने तरक्की की और अब हम जमीन के अंदर बहता पानी भी बाहर खींचकर सिंचाई के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं इसके लिए सबसे पहले हमें जमीन में काफी गहराई तक सुरंग रूपी गड्ढा या फिर बोरिंग करनी होती है पानी कितनी गहराई पर मिलेगा यह निश्चित नहीं होता है।
जैसा की हमारे भारत में बहुत सी जगह हमें मात्र 5 से 10 फीट के अंदर ही पानी मिल जाता है जबकि कई जगह पर पानी का स्तर हजारों फीट की गहराई पर भी हो सकता है औसतन हमें 100 से 300 फीट की गहराई तक बोरिंग करके जमीन में पाइप डालना होता है।
क्योंकि पाइप के जरिए ही वाटर पंप की सहायता से सिंचाई के लिए पानी बाहर खींचा जाता है दोस्तों प्रकृति का हर संसाधन सीमित मात्रा में होता है, जबकि हम इंसानों की मांग ऐसे में बढ़ती ही जाती है, साल दस साल हम अपने बोरिंग और पाइप की चौड़ाई बढ़ाते हैं जा रहे हैं मतलब आज से सिर्फ कुछ दशकों पहले तक बोरिंग के लिए तीन से चार इंची पाइप का इस्तेमाल किया जाता था।
इसे भी पढ़ें- 10 ऐसे मजेदार रोचक तथ्य जो आप पक्का नहीं जानते होगें?॥ 10 gk facts in hindi?
और इस पाइप की चौड़ाई लगभग एक लोटे के आकार जितनी होती है यह चौड़ाई एक छोटे बच्चे के आकार की तुलना में कम है किंतु बढ़ती मांग और भूजल स्तर में आई कमी के कारण अब हम 8 से 10 इंच या उससे भी अधिक चौड़ाई वाले 5 का इस्तेमाल करने लगे हैं ताकि पानी ज्यादा मात्रा में ऊपर खींचा जा सके ये पाइप एक बड़ी बाल्टी के आकार के होते हैं इतनी चौड़ाई आसानी से छोटे बच्चे को अपने अंदर समा सकती है।
बच्चे बोरवेल में कैसे गिरते हैं
जमीन से लगातार पानी निकालते रहने के कारण एक समय ऐसा भी आता है कि जमीन के उस हिस्से का पानी पूरी तरह से खत्म हो जाता है अब वहां से और पानी निकालना संभव नहीं रहता, ऐसे में किसान किसी अन्य खेत में एक नई बोरिंग करते हैं और अपने वाटर पंप वगैरह पुरानी बोरिंग से नई बोरिंग पर स्थापित कर देते हैं लेकिन पुरानी बोरिंग को जैसे का तैसा खुला ही छोड़ देते हैं।
और इसी खुले मौत के कुए के इर्द-गिर्द नादान बच्चे खेलते हुए आते हैं और इसमें गिरकर सैकड़ों फीट की गहराई पर फंस जाते हैं।
दोस्तों आप जरा कल्पना करके देखिए जमीन से 100 फीट नीचे एक सुरंग में इतनी बुरी तरह से फंसे हुए हैं। की आपके लिए हिलना डुलना भी संभव नहीं है यहां सांस लेने के लिए ऑक्सीजन भी पर्याप्त नहीं है यकीनन ऐसी कल्पना मात्र से ही आपकी रूह कांप उठेगी इन बोरिंगो में सिर्फ इंसान के बच्चे ही नहीं बल्कि बहुत बार खरगोश छोटे कुत्तिया बिल्ली जैसे जीव भी गिर जाते हैं जिन्हें निकालने की भी कोई कोशिश नहीं की जाती
इसे भी पढ़ें- jagannath mandir in puri । जगन्नाथ मंदिर का रहस्य और इतिहास?
फंसे बच्चे को बाहर कैसे लाया जाता है?
बोरवेल में गिरने पर बहुत ही कम बार ऐसा हुआ है कि किसी को जिंदा बचाया गया हो क्योंकि बोरवेल में ऑक्सीजन की कमी के चलते अंदर फंसे बच्चे का दम घुट जाता है वही बचाने की प्रक्रिया बेहद मुश्किल और लंबी चलने वाली होती है।
जिसमें रात दिन लगातार काम करते रहने पर भी कई दिनों का समय लग जाता है जिस पाइप में बच्चा फंसा हुआ होता है उस पाइप से किसी भी तरह की छेड़खानी नहीं की जाती क्योंकि ऐसा करने से हालात और भी ज्यादा खराब हो सकते हैं पाइप के हिलने से बच्चा खिसक कर और ज्यादा गहराई में जा सकता है!
या पाइप क्रेन द्वारा जबरन बाहर खींचने पर पाइप टूट सकता है जिससे आसपास की मिट्टी गिर जाएगी और सारा बचाओ ऑपरेशन ही फेल हो जाएगा बजाय टीम सबसे पहले उस पाइप में ऑक्सीजन की सप्लाई करती है ताकि बच्चा सांस ले सके और उसके बाद कैमरों की मदद से यह पता लगाया जाता है।
कि पाइप के अंदर कितनी गहराई पर बच्चा फंसा हुआ है फिर उसके साथ थोड़ी दूरी में गहरा गड्ढा खोदा जाता है इसी गड्ढे के जरिए बोरवेल के पाइप तक पहुंचने की कोशिश होती है यह गड्ढा काफी बड़ा बनाना पड़ता है ताकि अंदर मशीन और इंसानों के काम करने की पर्याप्त जगह हो गड्ढे में ट्रैक्टर और ट्रकों के उतरने के रास्ते भी बनाए जाते हैं क्योंकि उन्हीं की मदद से मिट्टी बाहर लाई जा सकती है
जाहिर है इस प्रक्रिया में कई दिनों का समय लग जाता है तब तक उस मासूम बच्चे तक ऑक्सीजन और खाने की वस्तु की पूर्ति जारी रखी जाती है जितनी गहराई पर बच्चा फंसा हुआ था उससे भी कुछ मीटर अधिक गहराई तक गड्ढा खोदे जाने के बाद उस गड्ढे को धीरे धीरे और सावधानी से बोरवेल की ओर बढ़ाया जाता है।
सब कुछ बेहद ही सावधानी से किया जाता क्योंकि इन सब में 2 सबसे बड़े खतरे होते हैं पहला खतरा यह है कि जल्दबाजी में खोदे गए गड्ढे में किसी भी समय मिट्टी खिसकने से गंभीर हादसा हो सकता है और दूसरा यह कि पाइप के पास पहुंचने पर जरा सी चूक से पाइप हिल सकता है जिससे बच्चा खिसककर और ज्यादा गहराई पर चला जाएगा।
ऐसे में हमें अपने द्वारा खोदे गए गड्ढे की गहराई भी बढ़ानी होगी खैर बोरवेल वाले पाइप तक पहुंचने के बाद सबसे पहले बेहद सावधानी से पाइप को नीचे से काटकर सील कर दिया जाता है ताकि बच्चे और ज्यादा गहराई पर ना जा सके इसके बाद पाइप की मिट्टी हटाकर को उखाड़कर बाहर लाया जाता है जहां फिर से उस पाइप को बीच में से काट कर बच्चे को बाहर निकाल लिया जाता है
इसे भी पढ़ें - Bitcoin (cryptocurrency) क्या है Bitcoin को किसने बनाया?॥ What is bitcoin?
इन हादसों से कैसे बचा जाए?
दोस्तों ऐसे हादसे बड़े ही दुखदाई होते हैं लेकिन उससे भी ज्यादा दुखदाई बात यह है कि हम जरा सी कोशिश उसे इन हादसों को टाल सकते हैं लेकिन फिर भी लापरवाही और मूर्खता के चलते थोड़ी भी एतिहाद नहीं भरते खुले बोरवेल को समाप्त करने के लिए तीन कदम उठाए जा सकते हैं।
पहला यह कि बोरवेल के मुहाने पर कोई बड़ा और भारी पत्थर रख दें लेकिन यह स्थाई समाधान नहीं है क्योंकि कभी कोई इंसान या जानवर उस पत्थर को हटा भी सकता है दूसरा तरीका जो आपके दिमाग में भी जरूर आया होगा वह यह पाइप में मिट्टी डाल दें और उसे भर दें लेकिन मिट्टी भरने की प्रक्रिया बेहद ही ज्यादा मेहनत भरी और जोखिम भरी होगी।
जरूरी नहीं कि पाइप पूरी तरह से मिट्टी से भर पाए ऐसा भी हो सकता है कि पाइप थोड़ी दूर तक की मिट्टी से भरे और पाइप में भरी मिट्टी भविष्य में नीचे चली जाए और पाइप ऊपर से फिर से खाली हो जाए पाइप भरने और हादसे को टालने का जो सबसे आसान और प्रभावशाली तरीका है वह ये कि पहले बोरवेल के पाइप के चारों ओर सिर्फ चार से पांच फीट गहरा गड्ढा खोद ले।
उसके बाद गड्ढे की तली से सटाकर पाइप के मुहाने पर कोई भारी पत्थर रख दें और अपने द्वारा खोदे गए गड्ढे में वापस मिट्टी डालकर गड्ढे को भर दें आपको सिर्फ 4 से 5 फीट गहरा गड्ढा ही खोदना है,
इसलिए इस तरीके में ज्यादा मेहनत और समय नहीं लगेगा इस काम को कोई एक अकेला व्यक्ति सिर्फ एक फावड़े की मदद से इस कार्य को मात्र कुछ ही घंटों में निपटा सकता है और सिर्फ उन कुछ घंटों की मेहनत से आप एक बहुत बड़े हादसे को होने से रोक सकते हैं वही हादसा घटित होने पर हादसे को सुधारने में कई दिनों का समय लग जाता है लेकिन फिर भी पाइप में फंसे मासूम की जिंदगी बचने की संभावना बेहद कम होती है।
Faq- लोग यह भी पूछते हैं:
1. प्रश्न - बोरवेल कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर - (1). मैनुअली जहां लोग खुद से ही गड्ढा कर बोरवेल का निर्माण करते हैं तथा (2). ज्यादा गहरा गड्ढा करने के लिए लोग मशीन द्वारा बोरवेल बनाते है। जिसने मशीन वाले ही बोरवेल में बच्चे ज्यादातर फंसते हैं।
2. प्रश्न - बोरवेल का क्या कार्य है?
उत्तर - बोरवेल एक कुएं की तरह अधिक गहराई तक खोदेजाने वाला कुआं होता है जो खेतों में पानी पटाने के उद्देश्य से बनाया जाता है।
जरूरी सूचना-
दोस्तों अगर आपके आसपास किसी खेत में कोई खुला बोरवेल हो तो, आप से विनती है कि उस खेत के किसान को बोरवेल भरने के तरीके के बारे में जरूर समझाएं अगर वह किसान बोरवेल भरने में लापरवाही करें तो आप खुद ही हमारे द्वारा बताए गए तरीके का इस्तेमाल करके बोरवेल का मुंह बंद कर दें।
क्योंकि दोस्तों आपके द्वारा की गई थोड़ी सी मेहनत किसी मासूम बच्चे या जानवर की जान बचा सकती है दोस्तों अगर आपको हमारा यह लेख (बोरवेल क्या है! क्यों यह बच्चों के लिए खतरनाक है?) अच्छा लगा हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करना बिल्कुल ना भूलें मैं मिलूंगा आपसे ऐसे ही किसी जानकारी से भरे अगले किसी नए लेख में तब तक के लिए धन्यवाद
इन्हें भी पढ़ें -
- भारत में हेलीकॉप्टर कैसे खरीद सकते हैं?
- जोंक पर नमक डालने पर क्यों मर जाता?
- भारतीय के द्वारा किए गए 10 ऐसे महान अविष्कार जिन्होंने पूरी दुनियां बदल दिया?
- Amazing facts in hindi- 21 ऐसे जरूरी रोचक तथ्य जिसे सभी को पता होना जरूरी है।gk facts
- किस जीव का खून नीले रंग का होता है? | Amazing facts in hindi | gk in hindi
- 55 ऐसे रोचक तथ्य जिस पर यकीन करना मुश्किल होगा । Amazing facts in hindi
- दुनिया का सबसे कम कम नींद लेने वाला जानवर कौन सा है।Facts gk in hindi-current affairs
0 टिप्पणियाँ